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"कल का दिन / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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कल का दिन चला गया,
 
कल का दिन चला गया,
  

09:58, 28 फ़रवरी 2008 के समय का अवतरण

कल का दिन चला गया,

बिना प्यार-पौरुष के

छला गया,

हाथों से मला

और पांवों से दला गया ।

('पंख और पतवार' नामक कविता-संग्रह से)