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"कविता कोश सम्मान 2011" के अवतरणों में अंतर

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कविता कोश के पाँच वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में होने जा रहे एक भव्य समारोह के दौरान '''प्रथम कविता कोश सम्मान''' भी प्रदान किए जाएंगे। यह समारोह 7 अगस्त को जयपुर में होगा। आप इस आयोजन में शिरकत करने के लिए सादर आमंत्रित हैं।
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::::'''प्रथम कविता कोश सम्मान समारोह जयपुर में सफलतापूर्वक संपन्न'''
  
* '''तिथि:''' 7 अगस्त 2011 (रविवार)
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प्रथम कविता कोश सम्मान समारोह 07 अगस्त 2011 को जयपुर में जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में संपन्न हुआ। इसमें दो वरिष्ठ कवियों ([[बल्ली सिंह चीमा]] और [[नरेश सक्सेना]]) एवं पाँच युवा कवियों ([[दुष्यन्त]], [[अवनीश सिंह चौहान]], [[श्रद्धा जैन]], [[पूनम तुषामड़]] और [[सिराज फ़ैसल ख़ान]]) को सम्मानित किया गया। इस आयोजन में वरिष्ठ कवि श्री [[विजेन्द्र]], श्री [[ऋतुराज]], श्री [[नंद भारद्वाज]] एवं वरिष्ठ आलोचक प्रो. मोहन श्रोत्रिय भी उपस्थित थे। समारोह में बल्ली सिंह चीमा एवं नरेश सक्सेना का कविता पाठ मुख्य आकर्षण रहे। कविता कोश के प्रमुख योगदानकर्ताओं को भी कविता कोश पदक एवं सम्मानपत्र देकर सम्मानित किया गया।
* '''समय:''' सुबह 11:00 बजे से 2:00 तक
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* '''स्थान:''' कृष्णायन सभागार, जवाहर कला केन्द्र, जयपुर
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* '''प्रवेश:''' निशुल्क
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आप सादर आमंत्रित हैं। कृपया अपने आने के संबंध में पहले से सूचना देने की कोशिश करें ताकि हम समारोह स्थल पर उचित तैयारियाँ कर सकें।
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समारोह में कविता कोश की तरफ से कविता कोश के संस्थापक और प्रशासक ललित कुमार, कविता कोश की प्रशासक प्रतिष्ठा शर्मा, कविता कोश के संपादक [[अनिल जनविजय]] कविता कोश की कार्यकारिणी के सदस्य [[प्रेमचन्द गांधी]], धर्मेन्द्र कुमार सिंह, कविता कोश टीम के भूतपूर्व सदस्य [[कुमार मुकुल]] एवं कविता कोश में शामिल कवियों में से [[आदिल रशीद]], [[संकल्प शर्मा]], [[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']], [[माया मृग]], [[मीठेश निर्मोही]], [[राघवेन्द्र]], [[हरिराम मीणा]], [[बनज कुमार ‘बनज’]] आदि उपस्थित थे। समारोह में यह घोषणा की गई कि 07 अगस्त 2011 से कविता कोश के संपादक एक वर्ष के लिए कवि [[प्रेमचन्द गांधी]] होंगे। भूतपूर्व सम्पादक [[अनिल जनविजय]] कविता कोश टीम के सक्रिय सदस्य के रूप में संपादकीय संयोजन का काम देखेंगे।
  
* यदि आप फ़ेसबुक प्रयोग करते हैं तो अपने आने की सूचना [http://www.facebook.com/event.php?eid=182229595173248 इस लिंक] पर दे सकते हैं।
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[[चित्र:उपस्थितकवि.jpg|700px]]
* इसके अलावा आप india.lalit@gmail.com पर भी आने की अग्रिम सूचना दे सकते हैं।<br><br>
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==कैसे पहुँचे==
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[[https://picasaweb.google.com/kavitakosh/2011?authuser=0&feat=directlink|कविता कोश सम्मान 2011 की तस्वीरें]]
दिल्ली से जयपुर पहुँचने के लिए आप बस का प्रयोग कर सकते हैं।
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“राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम” की ओर से चलाई जा रही आरामदेह और एयर-कंडिशन्ड बसें आपको दिल्ली में “बीकानेर हाउस” और गुड़गांव में “इफ़्को चौक” से मिल सकती हैं।
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[[समारोह की तस्वीरें, वीडियो तथा मीडिया में चर्चा|कविता कोश सम्मान 2011 के वीडियो]]
  
इन बसों का दिल्ली से जयपुर (एक ओर) का किराया 650 से 700 रुपए के बीच होता है। पहुँचने में करीब 5 से 6 घंटे लगते हैं।
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::::'''प्रथम कविता कोश सम्मान समारोह की विस्तृत रपट'''
  
इन बसों के लिए आपको पहले से आरक्षण कराना होता है। अधिक जानकारी के लिए आप बीकानेर हाउस को फोन कर सकते हैं। फ़ोन नम्बर हैं:
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कविता कोश टीम ने कविता कोश के पाँचवे जन्मदिवस के अवसर पर कविता कोश जयंती समारोह का आयोजन किया। विगत 07 अगस्त 2011 को जयपुर के प्रसिद्ध जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में यह भव्य समारोह संपन्न हुआ। समारोह के संयोजक और कविता कोश के संपादक श्री प्रेमचंद गाँधी ने उपस्थित कवियों, श्रोताओं और समारोह के सहभागियों का स्वागत करते हुए कहा यह दिन हिंदी कविता के इतिहास की एक बड़ी परिघटना है। पहली बार कविता कोश को इंटरनेट की दुनिया से निकाल कर सार्वजनिक मंच पर प्रस्तुत किया जा रहा है और हमारे इस समारोह में उपस्थित दो-ढाई सौ लोगों में मात्र वे कवि ही उपस्थित नहीं है जो कविता कोश में शामिल हैं बल्कि बहुत से पत्रकार, हिंदी प्रेमी, छात्र, साहित्यकार एवं जनता के अन्य वर्गों के लोग भी उपस्थित हैं।
011-23383469
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011-23386698
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ऑनलाइन जानकारी के लिए लिंक: [http://119.226.41.146:8080/Inquiry.aspx http://119.226.41.146:8080/Inquiry.aspx]
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इसके बाद कविता कोश के संस्थापक और प्रशासक श्री ललित कुमार ने उपस्थित जन समुदाय को कविता कोश के इतिहास और कविता कोश वेबसाइट के उद्देश्यों से परिचित कराया। अपने वक्तव्य में ललित जी ने कविता कोश के विकास में सामुदायिक भावना के महत्व पर बल दिया और बताया कि इस तरह की वेबसाइट का अस्तित्व सिर्फ सामुदायिक प्रयासों से ही संभव है। एक अकेला व्यक्ति इस तरह की वेबसाइट नहीं चला सकता। इसीलिए शुरू में उन्होंने अकेले इस परियोजना को शुरू करने के बावजूद धीरे धीरे अन्य लोगों को कविता कोश से जोड़ा और कविता कोश टीम की स्थापना की। अब यह टीम ही कविता कोश का संचालन करती है।
  
बीकानेर हाउस दिल्ली में इंडिया गेट के पास पंडारा रोड पर स्थित है।
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कविता कोश ने अपनी इस पंच वर्षीय जयंती के अवसर पर दो वरिष्ठ कवियों और पाँच एकदम नए युवा कवियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था। इसलिए ललित जी के वक्तव्य के बाद इन सातों कवियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित कवियों की सूची इस प्रकार है।
 
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ये बसें दिन और रात के अनेकों समय पर चलती है –सो आप अपनी सुविधानुसार बस ले सकते हैं
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==कविता कोश सम्मान 2011: सम्मानित रचनाकार==
 
==कविता कोश सम्मान 2011: सम्मानित रचनाकार==
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* '''[[नरेश सक्सेना]]''', लखनऊ (कवि)
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* '''[[बल्ली सिंह चीमा]]''', ऊधमसिंह नगर (कवि)
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* '''[[दुष्यन्त]]''', राजस्थान (कवि)
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* '''[[श्रद्धा जैन]]''', सिंगापुर (शायर)
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* '''[[अवनीश सिंह चौहान]]''', इटावा (नवगीतकार)
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* '''[[सिराज फ़ैसल ख़ान]]''', शाहजहांपुर (शायर)
 
* '''[[पूनम तुषामड़]]''', नई दिल्ली (कवि)
 
* '''[[पूनम तुषामड़]]''', नई दिल्ली (कवि)
* '''[[सिराज फ़ैसल ख़ान]]''', शाहजहांपुर (शायर)
 
* '''[[अवनीश सिंह चौहान]]''', इटावा (नवगीतकार)
 
* '''[[श्रद्धा जैन]]''', सिंगापुर (शायर)
 
* '''[[दुष्यन्त]]''', राजस्थान (कवि)
 
* '''[[बल्ली सिंह चीमा]]''', ऊधमसिंह नगर (कवि)
 
* '''[[नरेश सक्सेना]]''', लखनऊ (कवि)
 
  
==इस कार्यक्रम में निम्नलिखित व्यक्ति भी उपस्थित होंगे==
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कविता कोश सम्मान के अंतर्गत दोनों वरिष्ठ कवियों नरेश सक्सेना एवं बल्ली सिंह चीमा को 11000 रू. नकद, कविता कोश सम्मान पत्र और कविता कोश ट्रॉफ़ी प्रदान की गई। पाँचों युवा कवियों को पाँच हजार रु. नकद, सम्मान पत्र और कविता कोश ट्रॉफ़ी दी गई। शाल ओढ़ाकर इन कवियों का सम्मान करने के लिए मंच पर ये कवि उपस्थित थे।
* आमंत्रित अतिथिगण
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** '''कवि [[विजेन्द्र]]'''
 
** '''कवि [[विजेन्द्र]]'''
 
** '''कवि [[ऋतुराज]]'''
 
** '''कवि [[ऋतुराज]]'''
** '''कवि [[नंदकिशोर आचार्य]]'''
 
 
** '''कवि [[नंद भारद्वाज]]'''
 
** '''कवि [[नंद भारद्वाज]]'''
** '''कवि [[लीलाधर मंडलोई]]'''
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** '''आलोचक मोहन श्रोत्रिय'''
** '''कवि [[ओम पुरोहित ‘कागद’]]'''
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** '''कवि [[नीरज दइया]]'''
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* कविता कोश सम्मान 2011 चयन समिति
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** '''श्री [[लीलाधर मंडलोई]]''', वरिष्ठ कवि
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** '''श्री [[अनिल जनविजय]]''', संपादक, कविता कोश
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** '''श्री [[प्रेमचन्द गांधी]]''', राजस्थान प्रतिनिधि, कविता कोश
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* कविता कोश कार्यकारिणी
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** '''[[प्रेमचन्द गांधी]]''', राजस्थान प्रदेश प्रतिनिधि
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** '''[[नीरज दइया]]''', सहसम्पादक, राजस्थानी भाषा विभाग
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** '''[[द्विजेन्द्र 'द्विज']]'''', उर्दू कविता एवं हिन्दी ग़ज़ल
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** '''धर्मेंद्र कुमार सिंह''', छायावादी कविता विभाग
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* कविता कोश टीम
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सम्मान के बाद सभी सम्मानित कवियों ने अपनी कविता का पाठ किया और समारोह में उपस्थित लोगों को कविता कोश के विषय में अपनी भावना से अवगत कराया और यह सुझाव दिए कि कविता कोश का आगे विकास करने के लिए क्या क्या कदम उठाए जाने चाहिए। कवियों का यह सम्बोधन एक विचार गोष्ठी में बदल गया था। कवियों ने चिंता व्यक्त की कि हिंदी भाषा और हिंदी कविता के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव के कारण और भारत के हिंदी भाषी क्षेत्र के निवासियों द्वारा हिंदी पर अंग्रेजी को प्रमुखता देने के कारण हिंदी संस्कृति और साहित्य का ह्रास हो रहा है। हिंदी को बाजार की भाषा बना दिया गया है लेकिन उसे ज्ञान और विज्ञान की भाषा के रूप में विकसित करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हिंदी कविता के नाम पर बेहूदा और मजाकिया कविताएँ लिखी, छपवाई और सुनाई जा रही हैं। हिंदी कविता के मंच पर तथाकथित हास्य कवियों का अधिकार हो गया है। कवि नरेश सक्सेना ने कहा कि स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की संपूर्ण शिक्षा का माध्यम हिंदी को बनाया जाना चाहिए और सभी तरह के विज्ञान और प्रौद्योगिकी को भी हिंदी में ही पढ़ाया जाना चाहिए अन्यथा आने वाले दस बीस सालों में हिंदी का अस्तित्व खत्म हो सकता है। नरेश सक्सेना जी के अनुसार आज हिंदी की हैसियत घट गई है इसको अब वापस पाना होगा। सिर्फ आग लिख देने से कागज जलते नहीं बल्कि उन्हें जलाना पड़ता है। उन्होंने अपनी कविताओं से भी माहौल को जीवंत बनाया। उन्होंने मुक्त छंद में अपनी कविता पढ़ी।
** '''प्रतिष्ठा शर्मा''', सदस्य
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** '''अनिल जनविजय''', संपादक
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(१)
** '''ललित कुमार''', संस्थापक व प्रशासक
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जिसके पास चली गई मेरी जमीन
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उसके पास मेरी बारिश भी चली गई
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(२)
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शिशु लोरी के शब्द नहीं
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संगीत समझता है
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बाद में सीखेगा भाषा
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अभी वह अर्थ समझता है
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कवि बल्ली सिंह चीमा ने अपने वक्तव्य में कविता कोश के प्रति आभार प्रकट किया कि उन्हें जयपुर आने और नए श्रोताओं से रूबरू होने का अवसर प्रदान किया है। यह सम्मान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सम्मान किसी सरकारी संस्था या किसी राजनीतिक संगठन द्वारा नहीं दिया जा रहा है बल्कि कविता के प्रेमियों द्वारा कवियों को सम्मानित किया जा रहा है और यह बड़ी बात है। उन्होंने कामना की कि कविता कोश वेबसाइट पर अधिक से अधिक कवियों की ज्यादा से ज्यादा कविताएँ जुड़ें और यह हिंदी की सबसे बड़ी वेबसाइट बन जाए। चीमा जी ने अपनी जो कविता पढ़ी वह इस प्रकार है।
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(१)
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कुछ लोगों से आँख मिलाकर पछताती है नींद
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खौफ़ज़दा सपनों से अक्सर डर जाती है नींद
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हमने अच्छे कर्म किए थे शायद इसीलिए
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बिना नींद की गोली खाए आ जाती है नींद
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(२)
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मैं किसान हूँ मेरा हाल क्या मैं तो आसमाँ की दया पे हूँ
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कभी मौसमों ने हँसा दिया कभी मौसमों ने रुला दिया
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(३)
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वो ब्रश नहीं करते
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मगर उनके दाँतो पर निर्दोषों का खून नहीं चमकता
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वो नाखून नहीं काटते
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लेकिन उनके नाखून इतने लम्बे नहीं होते कि नोंच सकें दूसरों का माँस
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'''इस आयोजन व सम्मान से संबंधित आगे की जानकारी इस पृष्ठ पर धीरे-धीरे जोड़ी जा रही है। अधिक जानकारी के लिए इस पृष्ठ पर नज़र बनाए रखें।'''
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कवि विजेन्द्र ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि कविताएँ दॄष्टिहीन (visionless) नहीं होनी चाहिए| देश को सही विकल्प की और बढ़ाने वाली कविता ही सर्वश्रेष्ठ हो सकती है। कविता कोश इस दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रहा है। कविता कोश में रचनाओं का चयन बहुत अच्छा है और इसके लिए कविता कोश के संपादक अनिल जनविजय बधाई के पात्र हैं। इसके तुरंत बाद बोलते हुए अनिल जनविजय ने बताया कि अब से कविता कोश के संपादक कवि प्रेमचंद गाँधी होंगे। मैं अपना कार्यभार उन्हें सौंपता हूँ। अनिल जनविजय ने कविता कोश की पूरी टीम के योगदान को सराहा और टीम सदस्य प्रतिष्ठा शर्मा एवं ललित कुमार के समर्पण की प्रशंसा की। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि ऋतुराज, नंद भारद्वाज और मोहन श्रोत्रिय ने भी अपने अपने विचार प्रस्तुत किए।

19:22, 18 अगस्त 2011 के समय का अवतरण

प्रथम कविता कोश सम्मान समारोह जयपुर में सफलतापूर्वक संपन्न

प्रथम कविता कोश सम्मान समारोह 07 अगस्त 2011 को जयपुर में जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में संपन्न हुआ। इसमें दो वरिष्ठ कवियों (बल्ली सिंह चीमा और नरेश सक्सेना) एवं पाँच युवा कवियों (दुष्यन्त, अवनीश सिंह चौहान, श्रद्धा जैन, पूनम तुषामड़ और सिराज फ़ैसल ख़ान) को सम्मानित किया गया। इस आयोजन में वरिष्ठ कवि श्री विजेन्द्र, श्री ऋतुराज, श्री नंद भारद्वाज एवं वरिष्ठ आलोचक प्रो. मोहन श्रोत्रिय भी उपस्थित थे। समारोह में बल्ली सिंह चीमा एवं नरेश सक्सेना का कविता पाठ मुख्य आकर्षण रहे। कविता कोश के प्रमुख योगदानकर्ताओं को भी कविता कोश पदक एवं सम्मानपत्र देकर सम्मानित किया गया।

समारोह में कविता कोश की तरफ से कविता कोश के संस्थापक और प्रशासक ललित कुमार, कविता कोश की प्रशासक प्रतिष्ठा शर्मा, कविता कोश के संपादक अनिल जनविजय कविता कोश की कार्यकारिणी के सदस्य प्रेमचन्द गांधी, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, कविता कोश टीम के भूतपूर्व सदस्य कुमार मुकुल एवं कविता कोश में शामिल कवियों में से आदिल रशीद, संकल्प शर्मा, रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु', माया मृग, मीठेश निर्मोही, राघवेन्द्र, हरिराम मीणा, बनज कुमार ‘बनज’ आदि उपस्थित थे। समारोह में यह घोषणा की गई कि 07 अगस्त 2011 से कविता कोश के संपादक एक वर्ष के लिए कवि प्रेमचन्द गांधी होंगे। भूतपूर्व सम्पादक अनिल जनविजय कविता कोश टीम के सक्रिय सदस्य के रूप में संपादकीय संयोजन का काम देखेंगे।

उपस्थितकवि.jpg

[कोश सम्मान 2011 की तस्वीरें]

कविता कोश सम्मान 2011 के वीडियो

प्रथम कविता कोश सम्मान समारोह की विस्तृत रपट

कविता कोश टीम ने कविता कोश के पाँचवे जन्मदिवस के अवसर पर कविता कोश जयंती समारोह का आयोजन किया। विगत 07 अगस्त 2011 को जयपुर के प्रसिद्ध जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में यह भव्य समारोह संपन्न हुआ। समारोह के संयोजक और कविता कोश के संपादक श्री प्रेमचंद गाँधी ने उपस्थित कवियों, श्रोताओं और समारोह के सहभागियों का स्वागत करते हुए कहा यह दिन हिंदी कविता के इतिहास की एक बड़ी परिघटना है। पहली बार कविता कोश को इंटरनेट की दुनिया से निकाल कर सार्वजनिक मंच पर प्रस्तुत किया जा रहा है और हमारे इस समारोह में उपस्थित दो-ढाई सौ लोगों में मात्र वे कवि ही उपस्थित नहीं है जो कविता कोश में शामिल हैं बल्कि बहुत से पत्रकार, हिंदी प्रेमी, छात्र, साहित्यकार एवं जनता के अन्य वर्गों के लोग भी उपस्थित हैं।

इसके बाद कविता कोश के संस्थापक और प्रशासक श्री ललित कुमार ने उपस्थित जन समुदाय को कविता कोश के इतिहास और कविता कोश वेबसाइट के उद्देश्यों से परिचित कराया। अपने वक्तव्य में ललित जी ने कविता कोश के विकास में सामुदायिक भावना के महत्व पर बल दिया और बताया कि इस तरह की वेबसाइट का अस्तित्व सिर्फ सामुदायिक प्रयासों से ही संभव है। एक अकेला व्यक्ति इस तरह की वेबसाइट नहीं चला सकता। इसीलिए शुरू में उन्होंने अकेले इस परियोजना को शुरू करने के बावजूद धीरे धीरे अन्य लोगों को कविता कोश से जोड़ा और कविता कोश टीम की स्थापना की। अब यह टीम ही कविता कोश का संचालन करती है।

कविता कोश ने अपनी इस पंच वर्षीय जयंती के अवसर पर दो वरिष्ठ कवियों और पाँच एकदम नए युवा कवियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था। इसलिए ललित जी के वक्तव्य के बाद इन सातों कवियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित कवियों की सूची इस प्रकार है।

कविता कोश सम्मान 2011: सम्मानित रचनाकार

कविता कोश सम्मान के अंतर्गत दोनों वरिष्ठ कवियों नरेश सक्सेना एवं बल्ली सिंह चीमा को 11000 रू. नकद, कविता कोश सम्मान पत्र और कविता कोश ट्रॉफ़ी प्रदान की गई। पाँचों युवा कवियों को पाँच हजार रु. नकद, सम्मान पत्र और कविता कोश ट्रॉफ़ी दी गई। शाल ओढ़ाकर इन कवियों का सम्मान करने के लिए मंच पर ये कवि उपस्थित थे।

सम्मान के बाद सभी सम्मानित कवियों ने अपनी कविता का पाठ किया और समारोह में उपस्थित लोगों को कविता कोश के विषय में अपनी भावना से अवगत कराया और यह सुझाव दिए कि कविता कोश का आगे विकास करने के लिए क्या क्या कदम उठाए जाने चाहिए। कवियों का यह सम्बोधन एक विचार गोष्ठी में बदल गया था। कवियों ने चिंता व्यक्त की कि हिंदी भाषा और हिंदी कविता के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव के कारण और भारत के हिंदी भाषी क्षेत्र के निवासियों द्वारा हिंदी पर अंग्रेजी को प्रमुखता देने के कारण हिंदी संस्कृति और साहित्य का ह्रास हो रहा है। हिंदी को बाजार की भाषा बना दिया गया है लेकिन उसे ज्ञान और विज्ञान की भाषा के रूप में विकसित करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हिंदी कविता के नाम पर बेहूदा और मजाकिया कविताएँ लिखी, छपवाई और सुनाई जा रही हैं। हिंदी कविता के मंच पर तथाकथित हास्य कवियों का अधिकार हो गया है। कवि नरेश सक्सेना ने कहा कि स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की संपूर्ण शिक्षा का माध्यम हिंदी को बनाया जाना चाहिए और सभी तरह के विज्ञान और प्रौद्योगिकी को भी हिंदी में ही पढ़ाया जाना चाहिए अन्यथा आने वाले दस बीस सालों में हिंदी का अस्तित्व खत्म हो सकता है। नरेश सक्सेना जी के अनुसार आज हिंदी की हैसियत घट गई है इसको अब वापस पाना होगा। सिर्फ आग लिख देने से कागज जलते नहीं बल्कि उन्हें जलाना पड़ता है। उन्होंने अपनी कविताओं से भी माहौल को जीवंत बनाया। उन्होंने मुक्त छंद में अपनी कविता पढ़ी।

(१)
जिसके पास चली गई मेरी जमीन
उसके पास मेरी बारिश भी चली गई
(२)
शिशु लोरी के शब्द नहीं
संगीत समझता है
बाद में सीखेगा भाषा
अभी वह अर्थ समझता है

कवि बल्ली सिंह चीमा ने अपने वक्तव्य में कविता कोश के प्रति आभार प्रकट किया कि उन्हें जयपुर आने और नए श्रोताओं से रूबरू होने का अवसर प्रदान किया है। यह सम्मान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सम्मान किसी सरकारी संस्था या किसी राजनीतिक संगठन द्वारा नहीं दिया जा रहा है बल्कि कविता के प्रेमियों द्वारा कवियों को सम्मानित किया जा रहा है और यह बड़ी बात है। उन्होंने कामना की कि कविता कोश वेबसाइट पर अधिक से अधिक कवियों की ज्यादा से ज्यादा कविताएँ जुड़ें और यह हिंदी की सबसे बड़ी वेबसाइट बन जाए। चीमा जी ने अपनी जो कविता पढ़ी वह इस प्रकार है।

(१)
कुछ लोगों से आँख मिलाकर पछताती है नींद
खौफ़ज़दा सपनों से अक्सर डर जाती है नींद
हमने अच्छे कर्म किए थे शायद इसीलिए
बिना नींद की गोली खाए आ जाती है नींद
(२)
मैं किसान हूँ मेरा हाल क्या मैं तो आसमाँ की दया पे हूँ
कभी मौसमों ने हँसा दिया कभी मौसमों ने रुला दिया
(३)
वो ब्रश नहीं करते
मगर उनके दाँतो पर निर्दोषों का खून नहीं चमकता
वो नाखून नहीं काटते
लेकिन उनके नाखून इतने लम्बे नहीं होते कि नोंच सकें दूसरों का माँस

कवि विजेन्द्र ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि कविताएँ दॄष्टिहीन (visionless) नहीं होनी चाहिए| देश को सही विकल्प की और बढ़ाने वाली कविता ही सर्वश्रेष्ठ हो सकती है। कविता कोश इस दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रहा है। कविता कोश में रचनाओं का चयन बहुत अच्छा है और इसके लिए कविता कोश के संपादक अनिल जनविजय बधाई के पात्र हैं। इसके तुरंत बाद बोलते हुए अनिल जनविजय ने बताया कि अब से कविता कोश के संपादक कवि प्रेमचंद गाँधी होंगे। मैं अपना कार्यभार उन्हें सौंपता हूँ। अनिल जनविजय ने कविता कोश की पूरी टीम के योगदान को सराहा और टीम सदस्य प्रतिष्ठा शर्मा एवं ललित कुमार के समर्पण की प्रशंसा की। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि ऋतुराज, नंद भारद्वाज और मोहन श्रोत्रिय ने भी अपने अपने विचार प्रस्तुत किए।