भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कहानी नसोध / ज्ञानुवाकर पौडेल

Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:42, 5 जून 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ज्ञानुवाकर पौडेल |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वर–पिपलको कहानी नसोध
कसरी बित्यो जवानी नसोध

कहिले झरेछन् यी पातहरू
किन रोजें यो विरानी नसोध

रोई रोईकन म तिम्रो यादमा
कति भिजाउँथे सिरानी नसोध

टिप्नै नपाई पीरति को फूल
कहाँ चिप्ल्यो जिन्दगानी नसोध

बिजुली चम्केला’नि फेरि राती
अल्लारे बैंश को नादानी नसोध