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काळ बरस रौ बारामासौ (आसोज) / रेंवतदान चारण

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तपै आसोजी तावड़ौ बाजरियां बळ जाय
काचर रह्या अधपाकिया बेलड़ियां कुम्हळाय

तांता बळग्या तांतिया हुयौ घास रो होम
पड़ी छिंयाड़ी काळ री भुरट ढकीजी भोम

तूंबां री बेलां बधै उपजै नित अणमाप
कुण जांणै इण मिस कटै प्रिथमी हंदौ पाप

बात बडेरा केवता मन में धीरज राख
अेक मेह आसी भळै सौळै आंना साख

आद जुगां सूं आज तक तन री मिटी न आस
मांणस तौई मन में करै आसोजां री आस