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किसका रै झिंडिया किसका तम / मोहम्मद सद्दीक

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किसका रै झिंडिया किसका तम
चालो म्हारी ढामकी ढमा-क-ढम
कुणसै रै मारग कांटा कम
चाल्यां जा बस तूं मत थम

ममता रा मीठा - सपना पुरावां
मधरा मधरा - चाल्यां जावां
मीठो मीठो - तेजो गावां
दही बाटिया - नितरा खावां
खेम कुसळ घर पाछा आवां
तीन बांदरा -नाच नचावां
घूघरिया घमसाण बजावां
दुसमी रै सामी ढोल घुरावां

मतकर परवा मतकर गम
बोलो म्हारा मनवा बम-बम-बम
कुणसै रै मारग कांटा कम
हालो म्हारी ढामकी ढमा-क-ढम
काग कुचरणी चामळ चाळा
बुगले सिरसा भोळा डाळा
मदवा ऊंठ फिरै मतवाळा
मांदी नीत मनां रा कांळा
मिनख मारणी मकड़ी रा जाळा
हंस फिरै न्यारा निरवाळा
मूंडै माथै मोटा ताळा
पग-पग रावण राम रूखाळा

लाव टूटगी सर, र, र, घम
गळी सांकड़ी चौड़ा हम।
किसका रै झिंडिया किसका तम
चालो म्हारी ढामकी ढमा-क-ढम
कुणसै रै मारग आंटा कम
चाल्यां जा बस तूं मत थम।