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"किसको उम्मीद थी जब रौशनी जवां होगी / अदम गोंडवी" के अवतरणों में अंतर

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किसको उम्मीद थी जब रौशनी जवां होगी
 
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कल के बदनाम अंधेरों पे मेहरबां होगी
 
कल के बदनाम अंधेरों पे मेहरबां होगी

20:21, 17 मार्च 2020 के समय का अवतरण

किसको उम्मीद थी जब रौशनी जवां होगी
कल के बदनाम अंधेरों पे मेहरबां होगी

खिले हैं फूल कटी छातियों की धरती पर
फिर मेरे गीत में मासूमियत कहाँ होगी

आप आयें तो कभी गाँव की चौपालों में
मैं रहूँ या न रहूँ भूख मेज़बां होगी