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किसी सत्ता को क्या पता / समीर बरन नन्दी

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क्या वह बुभुक्षा है ?
या बुबोध इषा !
चित्र एक तानता या निधिध्यासन, जो कहो
वह, अमृतमयी ही नहीं, द्रव्यमयी भी है !

जो सोचता है, संशय करता है
समझता-स्वीकारता है
अस्वीकार और संकल्प करता है
वर्णन-कल्पना-स्पर्श करता है
वह निरुद्ध नहीं होता -
शांति देती है, वही भावना -
आवेग मुक्त चिंता से भरा रहता है, जो-
वह ज्ञान से ज्ञानतर-धारा प्रवाह -
परिणामशालिनी है -- हमारा मनोभाव
निश्चयात्मक है उसका अनुभव ।

किसी सत्ता को क्या पता ?