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"कृष्ण तेरी राधा गजब करे / शिवदीन राम जोशी" के अवतरणों में अंतर

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कृष्ण तेरी राधा गजब करे।
 
कृष्ण तेरी राधा गजब करे।
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य़ा मनमानी करत लाडली ना निचली रहत घरे।
 
य़ा मनमानी करत लाडली ना निचली रहत घरे।
 
सब अपराध क्षमा कर मेरे शिवदीन कहत है हित में तेरे,  
 
सब अपराध क्षमा कर मेरे शिवदीन कहत है हित में तेरे,  
मान मान मत मान श्याम श्यामा को क्यूं न बत है हित में तेरे,
 
 
मान मान मत मान श्याम श्यामा को क्यूं न बरे।  
 
मान मान मत मान श्याम श्यामा को क्यूं न बरे।  
 
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19:07, 11 दिसम्बर 2012 के समय का अवतरण

कृष्ण तेरी राधा गजब करे।
तेरे को या अधर नचावत तू मन मौद भरे।
कृष्ण रूप धर राधा आवे इसका भेद कोई नहीं पावे,
तू क्या जाने कृष्ण कन्हैया इससे जगत डरे।
कुंज गली में गली-गली में सबसे कहती हूं हीं भली मैं,
नट खट श्याम बतावें तोकूं समझो हरे हरे।
पाय़ल की झणकार सुणाकर कुछ तूं भी मन माहीं गुणाकर,
य़ा मनमानी करत लाडली ना निचली रहत घरे।
सब अपराध क्षमा कर मेरे शिवदीन कहत है हित में तेरे,
मान मान मत मान श्याम श्यामा को क्यूं न बरे।