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"केवल वही सगा होता है / कमलेश द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर
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कोई पल भर साथ निभाकर | कोई पल भर साथ निभाकर | ||
पूरा जन्म सहज कर जाता। | पूरा जन्म सहज कर जाता। | ||
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सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है। | सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है। | ||
23:13, 21 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण
जिसके साथ बाँट सकते हम अपने ग़म अपनी ख़ुशियों को,
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।
जीवन की राहों में सीधे
चलना है तो मुड़ना भी है।
अगर किसी से मिलना है तो
आगे कभी बिछुड़ना भी है।
जिसके साथ जोड़ सकते हम भावुकता वाली कड़ियों को,
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।
कोई जीवन भर सँग रहकर
पल भर सहज नहीं रह पाता।
कोई पल भर साथ निभाकर
पूरा जन्म सहज कर जाता।
जिसके साथ बाँध सकते हम सदा सहजता की लड़ियों को।
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।
अगर कभी सुख का पल आता
तो दुख का भी पल आता है।
कोई ऐसा मिल जाता जो
सब दुख-दर्द मिटा जाता है।
जिसके साथ काट सकते हम यों दुख-दर्द भरी घड़ियों को,
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।