भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
}}{{KKCatBhojpuriRachna}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=भोजपुरी
<poem>
कैसे खेले जइबू सावन में कजरिया
बदरिया घेरि आइल ननदी<br>
तू तौ जात हौ अकेली
कौनो संग न सहेली
गुण्डा रोकि लींहें तोहरी डगरिया
बदरिया घेरि आइल ननदी<br>
भौजी बोलेलू तू बोली
सुनिके लागल हमरा गोली
काहे पड़ल बाड़ू हमरी नगरिया
बदरिया घेरि आइल ननदी<br>
केतने दामुल फाँसी चढ़िगे
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,100
edits