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कोई उनसे जा के कह दे ये उन्हें पता नहीं है / रंजना वर्मा

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कोई उन से जा के कह दे ये उन्हे पता नहीं है।
अब दरमियाँ हमारे कोई फ़ासला नहीं है॥

हर सिम्त है अँधेरा अभी दूर है सवेरा
अब पाएँ कैसे मंज़िल कोई रास्ता नहीं है॥

वो वफ़ा अगर निभा दे तो है ज़िन्दगी हमारी
है जो दर्द इसकी वरना तो कोई दवा नहीं है॥

कोई वक़्त को न कोसे ज़रा इसकी क़द्र जाने
ये निकल गया दोबारा कभी फिर मिला नहीं है॥

ये समझ लिया है हमने ये परख लिया है हमने
सरे क़ायनात तुझसा कोई दूसरा नहीं है॥

जो हमारी ज़िन्दगी में हमराह बन के आया
वो चला गया अचानक क्या ये हादसा नहीं है॥

है वह दिल में अब हमारे हर ख़्वाब है उसी का
उसे अब न यों तलाशो कि वह गुमशुदा नहीं है॥