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"कौने बन फ़ुलय अहेली कौने बन बेली फ़ूल रे ललना / मैथिली" के अवतरणों में अंतर

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12:32, 27 मई 2010 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कौने बन फ़ुलय अहेली कौने बन बेली फ़ूल रे ललना कौने बन कुसुम फ़ुलायत चुनरी रंगाओत रे।
बाबा बन फ़ूलय अएली फ़ूल भईया बन बेली फ़ूल रे ललना पिया बन फ़ूलय कुसुम चुनरी रंगाओत रे ।
पहिरि ओढीय सुन्दरि ठाढ भेली देहरि धेने ठाढ भेली रे ललना घुमईत फ़िरईत आयल पिया पलंग पर लय जायब हे।
सासु हम दुःख दारुण नन्दी झगडाइन हे पिया हम जायब घर मुनहर पलंग नहीं जायब रे।


यह गीत श्रीमती रीता मिश्र की डायरी से