भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"क्लोन मानव / रमा द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो (क्लोन’मानव/ रमा द्विवेदी का नाम बदलकर क्लोन मानव / रमा द्विवेदी कर दिया गया है)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= रमा द्विवेदी}}
+
{{KKGlobal}}
 
+
{{KKRachna
‘क्लोन’ बेबी “ईव” जबसे आया है,<br>
+
|रचनाकार= रमा द्विवेदी
सारी दुनिया में तहलका मचाया है।<br>
+
}}
उपलब्धि अच्छी है अगर सही इस्तेमाल हो,<br>
+
{{KKCatKavita}}
परन्तु मानव के गुण-रूप पर प्रश्न चिह्न लगाया है।<br><br>
+
<poem>
इस भागम-भाग की ज़िन्दगी में,<br>
+
‘क्लोन’ बेबी “ईव” जबसे आया है,  
मानव का एक शरीर कम पड़ता है,<br>
+
सारी दुनिया में तहलका मचाया है।  
अत: वो अपने “क्लोन” तैयार करायेगा,<br>
+
उपलब्धि अच्छी है अगर सही इस्तेमाल हो,  
और फिर अपना हमशक्ल तैयार करायेगा।<br><br>
+
परन्तु मानव के गुण-रूप पर प्रश्न चिह्न लगाया है।
फिर न कोई असली होगा,<br>
+
इस भागम-भाग की ज़िन्दगी में,  
और न कोई नकली होगा,<br>
+
मानव का एक शरीर कम पड़ता है,  
क्योंकि  वो असली का ही,<br>
+
अत: वो अपने “क्लोन” तैयार करायेगा,  
हूबहू हमशक्ल  होगा।<br><br>
+
और फिर अपना हमशक्ल तैयार करायेगा।
“क्लोन” के कई फायदे हैं,<br>
+
फिर न कोई असली होगा,  
किन्तु उसके कुछ कायदे हैं,<br>
+
और न कोई नकली होगा,  
जिसका “क्लोने” पैदा होगा,<br>
+
क्योंकि  वो असली का ही,  
असली का मूल्य कम होगा।<br><br>
+
हूबहू हमशक्ल  होगा।
कभी वो असली,कभी लगेगा नकली,<br>
+
“क्लोन” के कई फायदे हैं,  
उसे देखकर खुद को भूल बैठोगे आप,<br>
+
किन्तु उसके कुछ कायदे हैं,  
और खुद को देखकर कह उठोगे,<br>
+
जिसका “क्लोने” पैदा होगा,  
कहीं मैं नकली तो नहीं?<br>
+
असली का मूल्य कम होगा।
काश! इन्दिरा गांधी का “क्लोन” होता,<br>
+
कभी वो असली,कभी लगेगा नकली,  
गांधी,शास्त्री और नेहरू का “क्लोन” होता,<br>
+
उसे देखकर खुद को भूल बैठोगे आप,  
तब आज की राजनीति कुछ और होती?<br>
+
और खुद को देखकर कह उठोगे,  
कम से कम देश की ऐसी दुर्दशा  तो न होती।<br><br>
+
कहीं मैं नकली तो नहीं?  
“क्लोन” का एक और फायदा है,<br>
+
काश! इन्दिरा गांधी का “क्लोन” होता,  
अब कोई स्त्री विधवा न होगी,<br>
+
गांधी,शास्त्री और नेहरू का “क्लोन” होता,  
क्योंकि पति का हमशक्ल तो रहेगा ही,<br>
+
तब आज की राजनीति कुछ और होती?  
और वो असली का काम करेगा,<br>
+
कम से कम देश की ऐसी दुर्दशा  तो न होती।
सोचो कितनी सुन्दर होगी यह दुनिया?<br>
+
“क्लोन” का एक और फायदा है,  
हर शख्स की कमी ‘क्लोन’ से भर लेगी यह दुनिया,<br>
+
अब कोई स्त्री विधवा न होगी,  
जीवन-मरण का बंधन ही टूट जायेगा,<br>
+
क्योंकि पति का हमशक्ल तो रहेगा ही,  
क्योंकि मोक्ष का विभाग ही खत्म हो जायेगा।,<br><br>
+
और वो असली का काम करेगा,  
“क्लोन से कई खतरे हैं,<br>
+
सोचो कितनी सुन्दर होगी यह दुनिया?  
जैसे गलती करेगा “क्लोन”<br>
+
हर शख्स की कमी ‘क्लोन’ से भर लेगी यह दुनिया,  
लेकिन पीटे आप जाओगे,<br>
+
जीवन-मरण का बंधन ही टूट जायेगा,  
क्या तब भी आप अपना “क्लोन” बनवाओगे???<br><br>
+
क्योंकि मोक्ष का विभाग ही खत्म हो जायेगा।,
 +
“क्लोन से कई खतरे हैं,  
 +
जैसे गलती करेगा “क्लोन”  
 +
लेकिन पीटे आप जाओगे,  
 +
क्या तब भी आप अपना “क्लोन” बनवाओगे???
 +
</poem>

21:14, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

‘क्लोन’ बेबी “ईव” जबसे आया है,
सारी दुनिया में तहलका मचाया है।
उपलब्धि अच्छी है अगर सही इस्तेमाल हो,
परन्तु मानव के गुण-रूप पर प्रश्न चिह्न लगाया है।
इस भागम-भाग की ज़िन्दगी में,
मानव का एक शरीर कम पड़ता है,
अत: वो अपने “क्लोन” तैयार करायेगा,
और फिर अपना हमशक्ल तैयार करायेगा।
फिर न कोई असली होगा,
और न कोई नकली होगा,
क्योंकि वो असली का ही,
हूबहू हमशक्ल होगा।
“क्लोन” के कई फायदे हैं,
किन्तु उसके कुछ कायदे हैं,
जिसका “क्लोने” पैदा होगा,
असली का मूल्य कम होगा।
कभी वो असली,कभी लगेगा नकली,
उसे देखकर खुद को भूल बैठोगे आप,
और खुद को देखकर कह उठोगे,
कहीं मैं नकली तो नहीं?
काश! इन्दिरा गांधी का “क्लोन” होता,
गांधी,शास्त्री और नेहरू का “क्लोन” होता,
तब आज की राजनीति कुछ और होती?
कम से कम देश की ऐसी दुर्दशा तो न होती।
“क्लोन” का एक और फायदा है,
अब कोई स्त्री विधवा न होगी,
क्योंकि पति का हमशक्ल तो रहेगा ही,
और वो असली का काम करेगा,
सोचो कितनी सुन्दर होगी यह दुनिया?
हर शख्स की कमी ‘क्लोन’ से भर लेगी यह दुनिया,
जीवन-मरण का बंधन ही टूट जायेगा,
क्योंकि मोक्ष का विभाग ही खत्म हो जायेगा।,
“क्लोन से कई खतरे हैं,
जैसे गलती करेगा “क्लोन”
लेकिन पीटे आप जाओगे,
क्या तब भी आप अपना “क्लोन” बनवाओगे???