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वो हैं के वफ़ाओं में खता ढूंढ ढूँढ रहे हैं,हम हैं के खताओं में वफ़ा ढूंढ ढूँढ रहे हैं।
हम हैं खुदा परस्त दुआ ढूंढ ढूँढ रहे हैं,वो इश्क के बीमार दवा ढूंढ ढूँढ रहे हैं।
तुमने बड़े ही प्यार से जो हमको दिया है,
उस ज़हर में अमृत का मज़ा ढूंढ ढूँढ रहे हैं।
माँ-बाप अगर हैं तो ये समझो के स्वर्ग है,
कितने यतीम इनकी दुआ ढूंढ ढूँढ रहे हैं।
उस दौर में सुनते हैं के घर-घर में बसी थी,
इस दौर में हम शर्मो-हया ढूंढ ढूँढ रहे हैं।
वैसे तो पाक दामनी सबको पसंद है,
फिर आप क्यों औरत में अदा ढूंढ ढूँढ रहे हैं।
हाँ ! 'क़म्बरी' ने सच के सिवा कुछ नहीं कहा,
कुछ लोग हैं जो सच की सज़ा ढूंढ ढूँढ रहे हैं।
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