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गति / ईहातीत क्षण / मृदुल कीर्ति

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सितारे गतिमान , ध्रुव तारा अचल क्यो?
ध्रुव तारा तेजमान , अन्य तारे मंद क्यो?
अचलता तेजोमय है , गति तेज क्षय करती है?
तभी तो दिवाकर के चहुँ ओर पृथ्वी घूम -घूम रोती है.
किंतु
गति में ही जीवन जानता संसार है.
जन्म गति है या मृत्यु ?
मृत्यु गतिहीन है या जन्म ?
हुई मुझे शंका या भ्रम,
सोचा यही, सूने में विचारा यह प्रश्न
उत्तर मिला है.
कहीं गति जीवन है और कहीं मरण.