भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घर है छोटा देश हमारा / रमेश तैलंग

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


घर है छोटा देश हमारा।

चाची तो गुजरात से आई,
और पंजाब की हैं भरजाई
ताई जी हैं राजस्थानी,
बोलें- ‘म्हारा...थारा.. !

सुबह ढोकले, पूरन-पूरी,
शाम बने रोटी तंदूरी,
उसके ऊपर हरी मिर्च की
चटनी का चटकारा।

मम्मी-पापा, ताया-ताई,
भाई जी उनकी भरजाई,
छोटे-से घर में हिलमिल कर
सारे करें गुज़ारा।

घर है छोटा देश हमारा।