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"घर -५ / नवनीत शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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यहीं से टूटता है घर
 
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जब छोटे-छोटे उबाल
 
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बन जाते हैं बड़े ज्‍वालामुखी।
बन जाते हैं बड़े ज्‍वालामुखी.
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12:04, 15 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

 
यहीं से टूटता है घर
जब छोटे-छोटे उबाल
बन जाते हैं बड़े ज्‍वालामुखी।