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चांदी खो कर चांद सुनहरा सूरज से जाकर पूछो / विनय कुमार
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चांदी खो कर चांद सुनहरा सूरज से जाकर पूछो।
बात ज़रा सी मतलब गहरा सूरज से जाकर पूछो।
तेज़ हवाएँ, शमा जलाने की कोशिश में हम मसरूफ़
सर्द अंधेरा कैसे उतरा सूरज से जाकर पूछो।
रात अगर होती तो बात समझ में सबकी आ जाती
दिन भर कैसे काला कुहरा सूरज से जाकर पूछो।
सभी पहरुए सबके भाले कैसे सूरजमुखी हुए
कौन शहर में देगा पहरा सूरज से जाकर पूछो।
नदी नाम था जिस अल्हड़ लड़की का जाने कहाँ गयी
सारा जंगल गूंगा-बहरा सूरज से जाकर पूछो।
धरती तो सीने में अपनी आग दबाए बैठी है
कैसे सागर बनता सहरा सूरज से जाकर पूछो।