भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चारु चरित्री / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=खुली आँखें खुले डैने / …)
 
छो ("चारु चरित्री / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

17:54, 21 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

चारु चरित्री,
चित्रित भाषा,
मानवबोधी व्यंजक हो-
संज्ञानी प्रतिबिंबन वाली
अनुरागी,
अनुरंजक हो,
वस्तुपरक विवरण-बोधी भी
कुंठित काय
कठोर न हो,
परिमल पूरित
आत्मपरक हो,
झंझा
और झकोर
न हो।

रचनाकाल: ०६-०४-१९९१