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चेतावनी / हरिकृष्ण दौर्गादत्ति

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अलो भायूं! क्या छ? कख तइं पड़यूं घर मां।
विदेस्यूं न देखा? कनि कनि कन्याले जगत मां।
करा प्यारों अब त, जतन कुछ अप्णा विषय मां।
न खोवा हे चुच्चों, निज दिन अमोला मुफत मां।