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चेतोॅ / राकेश रवि

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गाँव केॅ भैया स्वर्ग बनावोॅ! सहयोगोॅ के बात चलावोॅ!

झगड़ा झंझट आरो कचकच, फूटपरस्ती, बकबक-झकझक,
गाँव सें एकरा तुरत भगावोॅ! गाँव केॅ भैया स्वर्ग बनावोॅ!

की हेने केॅ लड़ता रहवौ; गाँव केॅ आपनोॅ नरक बनैवी।
वैर भूलो केॅ प्रेम बढ़ावोॅ; गाँव के भैया स्वर्ग बनावोॅ!

व्यर्थ समय तोहें काटै छोॅ, को बल्हौं पर इ फाटै छोॅ,
हेना केॅ नै उमर गमावोॅ; गाँ के भैया स्वर्ग बनावोॅ!

खेतोॅ में हरियाली लानोॅ! आपनो भागोॅ पर नै कानोॅ;
उस्सर-टिक्कर में उपजावोॅ! गाँव के भैया स्वर्ग बनावोॅ!

स्वर्ग छेलै इ; नरक बनैली; कत्तेॅ इनरासन सुख पैलौ?
सोना केॅ नै राख बनावोॅ! गाँव के भैया स्वर्ग बनावोॅ!