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"जनता से नाता न रखेंगे कब तक अच्छे लोग / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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+ | समय सवाल करेगा इक दिन याद रहे यह बात | ||
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20:47, 18 मई 2021 के समय का अवतरण
जनता से नाता न रखेंगे कब तक अच्छे लोग?
राजनीति से दूर रहेंगे कब तक अच्छे लोग?
आग लगी है आप वहां ए सी का लेते लुत्फ़
सच से मुंह को मोड़ रखेंगे कब तक अच्छे लोग?
आप सुखी संसार सुखी, वाला सिद्धांत भी खूब
अपने काम से काम रखेंगे कब तक अच्छे लोग?
उधर बिगौना बीच सड़क पर आकर के गुर्राय
घर के भीतर क़ैद रहेंगे कब तक अच्छे लोग?
चोर -उचक्के देखो सिंहासन तक पहुंच गये
इतना सब कुछ सहन करेंगे कब तक अच्छे लोग?
देखो उन फ़नकारों को कितने हैं आत्मविभोर?
रस में डूबे कवित रचेंगे कब तक अच्छे लोग?
समय सवाल करेगा इक दिन याद रहे यह बात
सुविधाभोगी कहलायेंगे कब तक अच्छे लोग?