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जब तक पूरे ना हों फेरे सात / रविन्द्र जैन

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जब तक पूरे ना हों फेरे सात
तब तक दुल्हन नहीं दुल्हा की
रे तब तक बबुनी नहीं बबुवा की, ना, जब तक ...

अबही तो पहुना पहली भंवर पड़ी है
अभीं तो दिल्ली दूर खड़ी है
हो पहली भंवर पड़ी है दिल्ली दूर खड़ी है
सात फेरे सात जन्मों का साथ, जब तक पूरे ना ...

जैसे जैसे भँवर पड़े मन अपनों को छोड़े
एक एक भाँवर नाता अन्जानों से जोड़े
मन घर अपनों को छोड़े, अन्जानों से नाता जोड़े
सुख की बदरी आँसू की बरसात, जब तक पूरे ना ...