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जमीन पर चलता हुआ मैं / केदारनाथ अग्रवाल

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दिन ने मुझे
सूरज के साथ कर दिया
जो आसमान पर चढ़कर
मुझे देखता रहा
जमीन पर चलता हुआ मैं
जमीन का छोर खोजता रहा

रचनाकाल: २५-१०-१९६५