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"जवाहर लाल नेहरू / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
 
|संग्रह=चंदन की कलम शहद में डुबो-डुबो कर / गुलाब खंडेलवाल
 
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[[category: कविता]]
 
<poem>
 
  
पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन पर
 
 . . .
 
 
बहुत माना हठी था, तेज था, तर्रार था नेहरू
 
सरित हम थाहते जब तक कि उड़ कर पार था नेहरू
 
हमारी शिथिलता, जड़ता, कुढ़ाती थी उसे अक्सर
 
करे क्या पाँव में बिजली बँधी लाचार था नेहरू!
 
 
हमारी जय-पराजय भावना का द्वार था नेहरू
 
सफलता या विफलता, पूर्ण एकाकार था नेहरू
 
बहुत थे पूज्य गौतम और गाँधी, पर बहुत ऊँचे
 
मनुज हम-सा, हमींमें से, हमारा प्यार था नेहरू
 
<poem>
 

01:18, 20 जुलाई 2011 के समय का अवतरण