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"ज़माना ख़ुदा को खु़दा जानता है / यगाना चंगेज़ी" के अवतरणों में अंतर

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ज़माना खु़दा को ख़ुदा जानता है।
 
ज़माना खु़दा को ख़ुदा जानता है।
 
 
यही जानता है तो क्या जानता है॥
 
यही जानता है तो क्या जानता है॥
 
  
 
वो क्यों सर खपाए तेरी जुस्तजू में।
 
वो क्यों सर खपाए तेरी जुस्तजू में।
 
 
जो अंजामे-फ़िक्रेरसा जानता है॥
 
जो अंजामे-फ़िक्रेरसा जानता है॥
 
  
 
ख़ुदा ऐसे बंदों से क्यों फिर न जाए।
 
ख़ुदा ऐसे बंदों से क्यों फिर न जाए।
 
 
जो बैठा हुआ माँगना जानता है॥
 
जो बैठा हुआ माँगना जानता है॥
 
  
 
वो क्यों फूल तोड़े वो क्यों फूल सूँघे?
 
वो क्यों फूल तोड़े वो क्यों फूल सूँघे?
 
 
जो दिल का दुखाना बुरा जानता है॥
 
जो दिल का दुखाना बुरा जानता है॥
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19:01, 14 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

ज़माना खु़दा को ख़ुदा जानता है।
यही जानता है तो क्या जानता है॥

वो क्यों सर खपाए तेरी जुस्तजू में।
जो अंजामे-फ़िक्रेरसा जानता है॥

ख़ुदा ऐसे बंदों से क्यों फिर न जाए।
जो बैठा हुआ माँगना जानता है॥

वो क्यों फूल तोड़े वो क्यों फूल सूँघे?
जो दिल का दुखाना बुरा जानता है॥