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"जाग तुझको दूर जाना / महादेवी वर्मा" के अवतरणों में अंतर

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चिर सजग आँखें उनींदी
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चिर सजग आँखें उनींदी आज कैसा व्यस्त बाना!
आज कैसा व्यस्त बाना!
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जाग तुझको दूर जाना!
 
जाग तुझको दूर जाना!
  
अचल हिमगिरि के हॄदय में
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अचल हिमगिरि के हॄदय में आज चाहे कम्प हो ले!
आज चाहे कम्प हो ले!
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या प्रलय के आँसुओं में मौन अलसित व्योम रो ले;
या प्रलय के आँसुओं में मौन
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आज पी आलोक को ड़ोले तिमिर की घोर छाया
अलसित व्योम रो ले;
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जाग या विद्युत शिखाओं में निठुर तूफान बोले!
आज पी आलोक को
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पर तुझे है नाश पथ पर चिन्ह अपने छोड़ आना!
ड़ोले तिमिर की घोर छाया
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जाग या विद्युत शिखाओं में
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निठुर तूफान बोले!
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पर तुझे है नाश पथ पर
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चिन्ह अपने छोड़ आना!
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जाग तुझको दूर जाना!
 
जाग तुझको दूर जाना!
  
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बाँध लेंगे क्या तुझे यह मोम के बंधन सजीले?
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पंथ की बाधा बनेंगे तितलियों के पर रंगीले?
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विश्व का क्रंदन भुला देगी मधुप की मधुर गुनगुन,
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क्या डुबो देंगे तुझे यह फूल दे दल ओस गीले?
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तू न अपनी छाँह को अपने लिये कारा बनाना!
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जाग तुझको दूर जाना!
  
  
 
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21:57, 23 सितम्बर 2009 का अवतरण

चिर सजग आँखें उनींदी आज कैसा व्यस्त बाना!
जाग तुझको दूर जाना!

अचल हिमगिरि के हॄदय में आज चाहे कम्प हो ले!
या प्रलय के आँसुओं में मौन अलसित व्योम रो ले;
आज पी आलोक को ड़ोले तिमिर की घोर छाया
जाग या विद्युत शिखाओं में निठुर तूफान बोले!
पर तुझे है नाश पथ पर चिन्ह अपने छोड़ आना!
जाग तुझको दूर जाना!

बाँध लेंगे क्या तुझे यह मोम के बंधन सजीले?
पंथ की बाधा बनेंगे तितलियों के पर रंगीले?
विश्व का क्रंदन भुला देगी मधुप की मधुर गुनगुन,
क्या डुबो देंगे तुझे यह फूल दे दल ओस गीले?
तू न अपनी छाँह को अपने लिये कारा बनाना!
जाग तुझको दूर जाना!