भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जादू की छड़ी / सुधा गुप्ता" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''मोटा पाठ'''
 
 
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna

21:54, 18 मई 2012 के समय का अवतरण

हाइकु-गीत

जादू की छड़ी
भला कहाँ से पाई
बोल चितेरे !
हज़ारों रंग
यूँ सिलसिलेवार
कैसे बिखेरे ?
धरा बुलाती
चित्रपटी-सी सजी
बड़े सवेरे
बतासा खा के
कचनार शाख़ से
सारिका टेरे
अमराई में
कुहू-कुहू के बोल
शहद सने रे !
घुमाई तूने
कौन-सी जादू छड़ी
बता चितेरे !
-0-