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जूण रा इग्यारा चितराम (1) / सुरेन्द्र सुन्दरम

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खूंटो ऊंडो रोपो
माड़ै खूंटै सूं
डांगर तुड़ा जावै।

बात जे
रै जावै काच्ची
तो बा
मिनखां रा सिर
फुड़ा देवै।