भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ठाले की तपस्या / अनूप सेठी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनूप सेठी }} <poem> आओ बैठें खाली बिल्कुल दुनिया के ...)
 
छो (थाली / अनूप सेठी का नाम बदलकर ठाले की तपस्या / अनूप सेठी कर दिया गया है)
(कोई अंतर नहीं)

18:08, 22 जनवरी 2009 का अवतरण

आओ
बैठें
खाली बिल्कुल
दुनिया के बीच बाज़ार
ठाले से

दुनिया की चीख पुकार
अपना सन्नाटे का शोर

सब छोड़-छाड़
हों मगन

अगन ठाले की

बैठें
पैठें
कहीं तो होगा
कुछ तो पार 
                (1986)