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"तड़पते हैं न रोते हैं न हम फ़रियाद करते हैं / ख़्वाजा हैदर अली 'आतिश'" के अवतरणों में अंतर

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शब-ए-फ़ुर्क़त में क्या क्या साँप लहराते हैं सीने पर<br>
 
शब-ए-फ़ुर्क़त में क्या क्या साँप लहराते हैं सीने पर<br>
 
तुम्हारी काकुल-ए-पेचाँ को जब हम याद करते हैं<br>
 
तुम्हारी काकुल-ए-पेचाँ को जब हम याद करते हैं<br>
 
*[http://jagjitsingh-sankalp.blogspot.com/ Bazm-E-Jagjit]
 

18:39, 3 मई 2009 का अवतरण

तड़पते हैं न रोते हैं न हम फ़रियाद करते हैं
सनम की याद में हर-दम ख़ुदा को याद करते हैं

उन्हीं के इश्क़ में हम नाला-ओ-फ़रियाद करते हैं
इलाही देखिये किस दिन हमें वो याद करते हैं

शब-ए-फ़ुर्क़त में क्या क्या साँप लहराते हैं सीने पर
तुम्हारी काकुल-ए-पेचाँ को जब हम याद करते हैं