भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तालीम / त्रिपुरारि कुमार शर्मा

Kavita Kosh से
Tripurari Kumar Sharma (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:22, 18 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा }} {{KKCatKavita}} <Poem> तमाम तमन्नाओ…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तमाम तमन्नाओं ने तालीम-सी दी है
कि दरवाज़ा-ए-दिल खोल कर अपने
आओ, अपनी रूह का इज़हार करें हम
आओ, अपनी साँसें नागवार करें हम
क़ायनात से परे कहीं प्यार करें हम...