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"तीन घटनाएँ / मंगलेश डबराल" के अवतरणों में अंतर

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'''तीन घटनाएँ'''
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|रचनाकार=मंगलेश डबराल
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21:51, 3 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

१.
आप हमारा क्या बिगाड़ सकते हैं उन्होने पूछा
’कुछ नहीं’
उन्होने कहा : तब आपसे बात करने से क्या फायदा !

२.
झूठ बोलने के क्या क्या फायदे हैं उन्होने पूछा
’कुछ नहीं’
उन्होने कहा : तब झूठ बोलकर क्या फायदा !

३.
उन्होने इसे तोड़ दिया
उन्होने उसे तोड़ दिया
उन्होने सब कुछ तोड़ दिया
और कहा : अब सब टूट चुका है
’आगे क्या होगा ?’
उन्होने कहा : कुछ नया हो तो बताइए !

१९९२