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पूरा गाँव उस चश्मे का पानी ले जाता है | पूरा गाँव उस चश्मे का पानी ले जाता है |
19:11, 7 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण
तुमने मेरे पथरीले घर में क़दम रखा
और वहाँ एक मीठे पानी का चश्मा फूट पड़ा
पूरा गाँव उस चश्मे का पानी ले जाता है
उसमें नहाता है, पीता है
और पूरे गाँव से उदासी भाग गई है
मैं इस करिश्मे से ख़ुश हूँ और परेशान भी
अगर मुझे मालूम होता कि इस ख़ुशी की एवज़ में
उदासी तुम्हारे दिल में घर कर जाएगी
तो मैं...