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"तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है / अदम गोंडवी" के अवतरणों में अंतर

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तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है  
 
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तुम्हारी मेज़ चांदी की तुम्हारे जाम सोने के  
 
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यहाँ जुम्मन के घर में आज भी फूटी रक़ाबी है
 
यहाँ जुम्मन के घर में आज भी फूटी रक़ाबी है
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00:11, 4 नवम्बर 2009 का अवतरण

तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है

उधर जम्हूरियत का ढोल पीते जा रहे हैं वो
इधर परदे के पीछे बर्बरीयत है ,नवाबी है

लगी है होड़ - सी देखो अमीरी औ गरीबी में
ये गांधीवाद के ढाँचे की बुनियादी खराबी है

तुम्हारी मेज़ चांदी की तुम्हारे जाम सोने के
यहाँ जुम्मन के घर में आज भी फूटी रक़ाबी है