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"तू जिसके लिए बेचैन है यों, वह दर्द को तेरे जान तो ले / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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सीने पे न रक्खे हाथ मगर, सीने की तड़प पहचान तो ले
 
सीने पे न रक्खे हाथ मगर, सीने की तड़प पहचान तो ले
  
होठों पे न आये नाम तेरा, वह मुड़के तुझे देखे भी नहीं   
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होँठों पे न आये नाम तेरा, वह मुड़के तुझे देखे भी नहीं   
 
तू भी है उसीका दीवाना, इस बात को दिल में जान तो ले
 
तू भी है उसीका दीवाना, इस बात को दिल में जान तो ले
  

01:30, 10 जुलाई 2011 का अवतरण


तू जिसके लिए बेचैन है यों, वह दर्द को तेरे जान तो ले
सीने पे न रक्खे हाथ मगर, सीने की तड़प पहचान तो ले

होँठों पे न आये नाम तेरा, वह मुड़के तुझे देखे भी नहीं
तू भी है उसीका दीवाना, इस बात को दिल में जान तो ले

हो फूल न तू काँटा ही सही, कुछ बाग़ में अपनी साख तो रख
वह देखे तुझे, ख़ुश हो न अगर, मुँह फेरके भौंहें तान तो ले

या जीतके उसको अपना बना, या हारके बन जा तू उसका
हर हाल में तेरी जीत ही है, यह प्यार की बाजी ठान तो ले

माना कि, गुलाब! उन आँखों में, रंगों का तेरे कुछ मोल नहीं
राहों में बिखर जा प्यार की तू, कुछ दिल का कहा भी मान तो ले