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"तू पीठ सीधी रख ओ लड़की / शार्दुला नोगजा" के अवतरणों में अंतर

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<poem>तू पीठ सीधी रख ओ लड़की
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तू पीठ सीधी रख ओ लड़की
 
बस आज ये सिंगार कर ले,
 
बस आज ये सिंगार कर ले,
 
स्टील, लोहा, सोना, चांदी
 
स्टील, लोहा, सोना, चांदी
 
जो मिले, ले रीढ़ मढ़ ले!
 
जो मिले, ले रीढ़ मढ़ ले!
 
  
 
तू पीठ सीधी . . .
 
तू पीठ सीधी . . .
 
 
  
 
आज तू काजल लगा ना
 
आज तू काजल लगा ना
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झूमर में हैं जो दो सितारे
 
झूमर में हैं जो दो सितारे
 
कर यत्न, आँखों में उतर लें!
 
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तू पीठ सीधी . . .
 
तू पीठ सीधी . . .
 
 
  
 
गूढ़तम जो प्रश्न होगा
 
गूढ़तम जो प्रश्न होगा
 
लौटेगा अनुत्तरित समझ ले
 
लौटेगा अनुत्तरित समझ ले
 
ना रामशलाकाप्रश्नावली ये जीवन
 
ना रामशलाकाप्रश्नावली ये जीवन
तू जी इसे, उत्तरत कर ले!
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तू पीठ सीधी रख ओ लड़की!
 
तू पीठ सीधी रख ओ लड़की!
  
 
१० नवम्बर ०८
 
१० नवम्बर ०८
 
 
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14:18, 7 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

तू पीठ सीधी रख ओ लड़की
बस आज ये सिंगार कर ले,
स्टील, लोहा, सोना, चांदी
जो मिले, ले रीढ़ मढ़ ले!

तू पीठ सीधी . . .

आज तू काजल लगा ना
अपनी कलम स्याही से भर ले,
झूमर में हैं जो दो सितारे
कर यत्न, आँखों में उतर लें!

तू पीठ सीधी . . .

गूढ़तम जो प्रश्न होगा
लौटेगा अनुत्तरित समझ ले
ना रामशलाकाप्रश्नावली ये जीवन
तू जी इसे, उत्तरित कर ले!

तू पीठ सीधी रख ओ लड़की!

१० नवम्बर ०८