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तेरा नाम / जयंत परमार

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फूल की पत्ती-पत्ती पर
अपनी उँगलियों से
लिखता हूँ तेरा नाम!

फूल तो झड़ जाता है
लेकिन तेरा नाम
ख़ुशबू बनकर
फैल रहा है चारों ओर!