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"थोडा मन के अंदर देख / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर

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पल पल देख निरंतर देख,
 
पल पल देख निरंतर देख,
थोडा मन के अंदर देख |
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थोडा मन के अंदर देख
 
   
 
   
 
कैसे खेल दिखाता है,
 
कैसे खेल दिखाता है,
आदमजात कलंदर देख |
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आदमजात कलंदर देख
  
इंद्र सभा मे कैद हुआ,
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इंद्र सभा मे क़ैद हुआ,
स्वर्ग का राजा इन्दर देख |
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स्वर्ग का राजा इन्दर देख
  
 
अंदर से सारे प्यासे,
 
अंदर से सारे प्यासे,
नदियाँ और समंदर देख |
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नदियाँ और समंदर देख
  
 
वो भी कितना तनहा है,
 
वो भी कितना तनहा है,
दुनियां जीत सिकंदर देख|</poem>
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दुनिया जीत सिकंदर देख
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12:06, 11 जून 2010 का अवतरण

पल पल देख निरंतर देख,
थोडा मन के अंदर देख ।
 
कैसे खेल दिखाता है,
आदमजात कलंदर देख ।

इंद्र सभा मे क़ैद हुआ,
स्वर्ग का राजा इन्दर देख ।

अंदर से सारे प्यासे,
नदियाँ और समंदर देख ।

वो भी कितना तनहा है,
दुनिया जीत सिकंदर देख ।