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दर्द भरे गाने सुनता है कोई कोई / शिवदीन राम जोशी

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<poet> दर्द भरे गाने, सुनता है कोई कोई, वही दर्द को पिछाने, मन जांके दर्द होई | जांके कांटा चुभा न पग में, वह क्या समझे प्रेम मग में, प्रभु प्यार कोई पाता,अंसुवन से काया धोई | शिवदीन मिलता प्यारा, कठिनाईयां हैं गहरी, चलता है धीर धरके , उर ज्ञान दीप जोई | है तूं दया का सागर, तेरा नाम है उजागर, मैं दास नाम का हूँ, नामी है तूं भी कोई | <poet>