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दस हज़ार साड़ी / निर्मला गर्ग

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भूतपूरब मुखमंत्री जयललिता जी को
ग्रामसेविका राधादेवी का परनाम
'आरयाबरत' से मालूम हुआ आपको जेल पठा दिया
गया है
उहाँ आप करिया कोर बला उज्जर साड़ी पहनेंगी
जैसन वहाँ आए बला बाकी जनानी पहिनती हैं

बिसबास कीजिए जयललिता जी इ साड़ी त आप पर
बहुते खिलेगा
आप तनिक ऊ का कहते हैं सातविक नजर आएँगी
ओना आपका अपना पसंद का रंग कउन सा है
हरा लाल आ कि गुलाबी ?
मूल रंग त कुल पाँच ठो कि सात ठो ई होता है न
माने एक एक रंग का हजार गो साड़ी से भी
बेसी साड़ी होगा आपका पास
उसमें से केतना त ऐसन होगा जेकरा आप
एको बार नहीं पहिना होगा
आपको यादो कहां होगा ऊ सब कोन कब
कीन के लाया
आ कईसे आपको मीला

जे आप बिगड़े नहीं त एक ठो बात पूछे का मन है
एतना साड़ी वास्ते आप केतना ठो अलमारी बनवाई
ओकरा गहराई केतना फुट रक्खीं
आ नकसा जे बनाया ऊ नकसानबीस का नाम
आपको याद है ?
ऊ बढ़ई का बारे में कछु जानती हैं
जे अलमारी के चिक्कन किया ?

दस हजार साड़ी !
आपको त मालूम होगा जयललिता जी कि इ मुलूक में
दस हजार से कहीं जियादा है ऐसन जनाना
जेकरा पास फकत दू ठो साड़ी होगा
एक फींचा एक पहिना
जेकरा पास मात्र एके गो साड़ी है ओकरा गिनती भी
कोनो कम नहीं है

आपको लग रहा होगा मामला के बढ़ा चढ़ाकर
हम बता रहे हैं पर ई बात ओतने सच है
जेतना सच आपका दस हजार साड़ी है

याद किजिए बिहार के परडिया कांड
दिल्ली से पतरकार सब आया था
केतना बोला पर एगो घर से जनानी बाहर नहीं
निकला

आ निकलती भी कइसे
ओकरा आदमी आ बेटा दूनों के काट दिया गया था
अपना एक मात्र साड़ी के दू ठो टुकड़ा कर
दूनो पर डाल दिया
आ खुद निपट निर्वस्त्र कोना में बैठ के
बिलख रहा था

ऊ औरत के कहाँ मालूम होगा कि ई देस में
आपका जैसा औरत सब भी है
जेकरा पास दस हजार साड़ी है
ऊ 'आरयाबरत' नहीं पढ़ती
दस हजार केतना होता है
ठीक ठीक अनुमानो नहीं लगा सकती

आप जिस जगह पर पहुँची जयललिता जी
उहाँ केतना जनाना पहुँचती है ?
उहाँ तक जाए के वास्ते आप कोन रस्ता चुनीं
कोन सीढ़ी चढ़ी ई सब के जाए भी दिया जाए
तभीयो एतना त कहना होगा
आप ऊ बहुत कम जनाना में से हैं
जेकरा एतना ताकत एतना रुतबा मिला
सब आप कंकड़े बटोरने में लगा दिया ?

देखी हैं कभी अपने राज को नजदीक से
उसमें रहनेवाला मनुख के
मनुख का आँख से
लाखों जनता का दू बखत का रसम भात जोटाना
आपका अरब खरब जोटाने से जियादा मोसकिल है
कहीं जियादा मोसकिल है
ऊ जनाना सब का जिनगी उनका साड़ीए जैसन जो
जगह जगह से फटट्ल
आ बेजान है

अनगिनत गोड़ हैं जइमें टूटल चप्पलो नहीं
आपका सात सौ जोड़ी जुता
केकरा मुँह पर सात सौ थप्पड़ हैं जयललिता जी ?
आपका सैकड़ों घड़ी थान के थान जेवर
केकरा बास्ते धिक्कार हैं तनी सोचिए

तनी सोचिए ई अभागा देस के बारे में
माना कि देस के बारे में सोचना
आजकल फैसन में नहीं है
माना कि ई अब घिस्सल पिटटल रेवाज हो गया है
तभीयो सोचिए

ई सदी अब खतम होएके है
आए बला सदी के दरबज्जा पर खड़ल आप जब पीछू
मुड़कर देखेंगी
त अपना के कहाँ पाएँगी
कोन हाल में होगा आपका जमीर ?
ई सबद के मतलब त आप जानती हैं न जयललिता जी

आपका अपना राधा देवी

                             
रचनाकाल : 1997