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"दिया ही जल रहा है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
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खुला ब्लड बैंक जिसका, | खुला ब्लड बैंक जिसका, | ||
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डरा बच्चों को ही बस, | डरा बच्चों को ही बस, | ||
− | बड़ों का बल रहा है। | + | बड़ों का बल रहा है। |
करेगा शोर पहले, | करेगा शोर पहले, | ||
− | वो सूखा नल रहा है। | + | वो सूखा नल रहा है। |
उगा तो जल चढ़ाया, | उगा तो जल चढ़ाया, | ||
अगन दो ढल रहा है। | अगन दो ढल रहा है। | ||
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13:04, 26 फ़रवरी 2024 का अवतरण
दिया ही जल रहा है।
महल क्यूँ गल रहा है।
मैं लाया आइना क्यूँ,
ये सबको खल रहा है।
खुला ब्लड बैंक जिसका,
कभी खटमल रहा है।
डरा बच्चों को ही बस,
बड़ों का बल रहा है।
करेगा शोर पहले,
वो सूखा नल रहा है।
उगा तो जल चढ़ाया,
अगन दो ढल रहा है।