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"दुनिया की उन्हें लाज न गैरत है सखी / जाँ निसार अख़्तर" के अवतरणों में अंतर

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दुनिया की उन्हें लाज न ग़ैरत है सखी
 
दुनिया की उन्हें लाज न ग़ैरत है सखी

18:22, 19 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

दुनिया की उन्हें लाज न ग़ैरत है सखी
उनका है मज़ाक़ मेरी आफ़त है सखी

छेड़ेंगे मुझे जान के सब के आगे
सच उनकी बहुत बुरी आदत है सखी