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दूर-दूर की म्हारी मोठी बईण तुखऽ लेणऽ कुण जासे / निमाड़ी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

दूर-दूर की म्हारी मोठी बईण तुखऽ लेणऽ कुण जासे,
जासे हो म्हारो नानो भाई, घोड़ी कुदावतो लावसे।
घोड़ा का टापुर वाज्या, बइण कहे कि म्हारो भाई आयो,
पांयण पींजण को ठुमको वाज्यो,
भाई कहे कि म्हारी बइण आई।