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"धरा-व्योम / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

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अंकुरित धरा से क्षमा
 
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व्योम से झरी रुपहली करुणा
 
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सरि, सागर, सोते-निर्झर-सा
 
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उमड़े जीवन :
 
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कहीं नहीं है मरना ।
 
कहीं नहीं है मरना ।
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00:24, 2 नवम्बर 2009 का अवतरण

अंकुरित धरा से क्षमा
व्योम से झरी रुपहली करुणा
सरि, सागर, सोते-निर्झर-सा
उमड़े जीवन :
कहीं नहीं है मरना ।