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"नज़र आईने से मिलाता तो होगा! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
 
|संग्रह=पँखुरियाँ गुलाब की  / गुलाब खंडेलवाल
 
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<poem>
 
  
नज़र आईने से मिलाता तो होगा!
 
कभी वह भी घूँघट उठाता तो होगा!
 
 
नहीं मुड़के देखे इधर जानेवाला
 
मगर दिल में आँसू बहाता तो होगा!
 
 
जो तूफ़ान में नाव बढ़ती रही है
 
कोई डाँड़ इसकी चलाता तो होगा!
 
 
कोई क्यों लगाता है फेरे यहाँ के
 
कभी यह ख़याल उसको आता तो होगा!
 
 
गुलाब! अपनी रंगीनियाँ पाके तुझमें
 
कभी दिल कोई झूम जाता तो होगा!!
 
<poem>
 

01:38, 10 जुलाई 2011 के समय का अवतरण