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नदीया के तीरे-तीरे गछुलिया, फले फूले माँतल हे / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

नदीया के तीरे-तीरे गछुलिया, फले फूले माँतल हे
ताहि तर ठाढ़ भेल अपन बाबा, हकन्न कानय हे
कथीय लय नोतब देव लोक, कथीय लय दियादनी लोक हे
कथीय लय रूसल अपन बहिनी, ओ जे मरबो न सोभय हे
धान लय नोतब देवलोक, सिन्दुर लय दीयादनी हे
दान लय नोतब अपन बहिनी, मरबा जे सोभय हे