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"नादाँ है उसे प्यार जताना नहीं आता / डी .एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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पहले तो सभी अजनबी होते हैं दोस्तो
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इस घर में मेरे कोई बेगाना नहीं आता
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बच्चों की गवाही अदालतें भी मानर्ती
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उनको कोई गुनाह पचाना नहीं आता
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पैसे की ज़रूरत किसे पड़ती  नहीं यारो
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पैसा भी मगर सबको कमाना नहीं आता
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अच्छा है जो क़िस्मत की लकीरें नहीं दिखें
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अंधे की हथेली पे ख़ज़ाना नहीं आता
 
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13:15, 15 दिसम्बर 2022 के समय का अवतरण

नादाँ है उसे प्यार जताना नहीं आता
जज़्बों को लबों पर उसे लाना नहीं आता

उसकी इसी मासूमियत पे लोग फ़िदा हैं
नज़रें जो झुका ले तो उठाना नहीं आता

पहले तो सभी अजनबी होते हैं दोस्तो
इस घर में मेरे कोई बेगाना नहीं आता

बच्चों की गवाही अदालतें भी मानर्ती
उनको कोई गुनाह पचाना नहीं आता

पैसे की ज़रूरत किसे पड़ती नहीं यारो
पैसा भी मगर सबको कमाना नहीं आता

अच्छा है जो क़िस्मत की लकीरें नहीं दिखें
अंधे की हथेली पे ख़ज़ाना नहीं आता