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"नाम-पता / शिवदयाल" के अवतरणों में अंतर

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धरती के दुःखों-क्लेषों पर
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बरसा रहा है सूचनाएँ!
 
बरसा रहा है सूचनाएँ!

23:59, 18 मई 2011 का अवतरण



उड़ रही हैं हर तरफ

सूचनाओं की चिन्दियाँ

जिसने जितनी कतरनें

जमा कर ली हैं

उतना ताकतवर बन बैठा है।


धरती के दुःखों-क्लेशों पर

सूचनाच्छादित आकाश

बरसा रहा है सूचनाएँ!


लोग मशगूल हैं

दूसरी चीजों, दूसरे लोगों के बारे में

जानकारियाँ जमा करने में,

अपने से बेखबर

वे हो रहे हैं बाखबर!


इस दौर में

जबकि दुनिया एक हो रही है

सब दिशाएँ मिल रही हैं

सब भेद-अभेद मिट रहे हैं

अच्छा रहेगा

कि अपना नाम-पता

तकिए के नीचे रखकर सोया जाए

क्या पता किस क्षण

खुद की याद हो आए

और कोई दूसरा

हमें हमारी राह दिखाए!