भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|रचनाकार=शलभ श्रीराम सिंह
}}
{{KKCatKavita‎KKCatGhazal‎}}
<poem>
नाम पे मेरे हामी भर थी पर हामी से जल गए लोग।
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,116
edits